Followers

Wednesday 8 August 2012

समझी झट इस बार, तभी तो फट गुस्साई-

 समारोह दीक्षांत में, दिग्गी राजा आय |
हिंदी-डिग्री सौंपते, पाय सोनिया माय |
पाय सोनिया माय, थैंक्यू कह शरमाये |
वो संसद जब जाय, समझ में चर्चा आये |
अडवानी की बंद,  करे इक दिवस बोलती |
गुस्से का इजहार, जुबाँ इस कदर खोलती |


इत्ता गुस्सा बाप रे, अडवानी की भूल |
यू पी ए टू कह गए, दे दी जम के तूल |
दे दी जम के तूल, मीडिया समझ न पाया |
रविकर ने इस बार, उसे ऐसे समझाया |
हिंदी भाषा ज्ञान,  ख़तम की पूर्ण पढ़ाई |
 समझी झट इस बार,  तभी तो फट गुस्साई ||

रविकर फैजाबादी
My Photo
D.C.Gupta
STA, Department of Electronics Engg.
Indian School of Mines
Dhanbad
M: +918521396185

7 comments:

  1. http://krantiswar.blogspot.in/2012/08/blog-post_9.html

    ReplyDelete
  2. वर्ण माला सीख गईं हैं अपनी अम्मी जान ,
    बचके रहियो अरे ओ चौहान ...अच्छी प्रस्तुति .

    ReplyDelete
  3. सोनियां गांधी का सदन में,गुस्सा होना था जायज
    अडवानी को वापस लेना पड़ा, कहे शब्द नाजायज
    कहे शब्द नाजायज, पर सोनिया ने दबाव बनाया
    अडवानी की भूल, भा जा पा को औकात दिखाया
    सं०प्र०ग०-२ सरकार की, बन रही सोनिया नेता
    अच्छी हिन्दी की समझ, तभी तो बनी विजेता,,,,,

    ReplyDelete
  4. लाजवाब प्रस्तुति ...

    ReplyDelete
  5. किसने कहाँ निकम्मी मैं हूँ, शह-मात के खेल की रम्मी मैं हूँ ,
    कौन कहता है नाजायज इसको , इस सरकार की मम्मी मैं हूँ !
    पापा का भले ही अता- पता न हो :)

    ReplyDelete